द करंट स्टोरी, भोपाल। भोपाल रेल मंडल के प्रबंधक (डीआरएम) आलोक कुमार के लिए सारे नियम और कानून तो जैसे मजाक बन गया है। पहले पर्यावरण कानून का उल्लंघन (click here- भोपाल डीआरएम के खिलाफ नामजद क्रिमिनल केस दर्ज, देश का पहला मामला ), फिर रोड घोटाला (click here - आरसीसी रोड के उपर बनवाई डामर वाली रोड ) और अब रेलवे बोर्ड के नियमों की उड़ाई धज्जियां।
आलोक कुमार का कार्यकाल पूरा हो चुका है और किसी भी दिन उनके तबादले के आदेश जारी हो सकते हैं। इसी आशंका के चलते आलोक कुमार वह करने जा रहे हैं, जो शायद रेलवे बोर्ड के इतिहास में कभी नहीं हुआ।
द करंट स्टोरी को विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार, रेलवे बोर्ड हर साल रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए वार्षिक पुरस्कार देता है। इसी कड़ी में बोर्ड के बाद जोनल स्तर पर उसके बाद मंडल स्तर पर उत्कृष्टता पुरस्कार दिए जाते हैं। यह क्रम और सिलसिला पिछले 62 वर्षों से रेलवे में चल रहा है। इस साल बोर्ड स्तर के 62वीं राष्ट्रीय पुरस्कार रेल मंत्री सुरेश प्रभु आगामी 23 अप्रैल को रायपुर में देने जा रहे हैं।
नियमानुसार, बोर्ड स्तर के पुरस्कार वितरण के बाद, जोन स्तर पर महाप्रबंधक यह अवार्ड देगा और उसके बाद डीआरएम मंडल स्तर पर।
लेकिन भोपाल डीआरएम आलोक कुमार के लिए सब नियम और कायदे तो मजाक हैं। इस बार आलोक कुमार ने बोर्ड और जोन स्तर के पुरस्कार वितरण के पहले ही मंडल स्तर के पुरस्कार वितरण की घोषणा कर दी है। इस बार यह पुरस्कार आगामी 17 अप्रैल को दिए जाएंगे, बोर्ड स्तर के पुरस्कार मिलने से ठीक एक सप्ताह पहले। इसके लिए कार्मिक विभाग ने बकायदा आदेश जारी कर कार्यक्रम की सूची भी तैयार कर दी है।
यह है आदेश:
मामले से जुड़े अन्य सूत्र बताते हैं कि पुरस्कार का वितरण करना एक प्रतिष्ठा का कार्य है और हमेशा के लिए डीआरएम का नाम उस पुरस्कार से जुड़ जाता है। इसी नाम के लालच में आनन—फानन में यह आदेश निकाले गए हैं।
अवकाश के दिन निकाला आदेश
मंडल स्तर के पुरस्कार वितरण के जो आदेश निकाले गए हैं वह तो चौंकाने वाले हैं ही। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि उक्त आदेश गुरुवार 13 अप्रैल को जारी किए गए हैं। आपके बता दें कि इस दिन रेलवे में बैसाखी पर्व का अवकाश था।
Comment