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16 महीने में आरवीएनएल नहीं सुधार पाया तीसरी रेल लाइन की 22 कमियां

Exclusive Jun 09, 2020       2892
16 महीने में आरवीएनएल नहीं सुधार पाया तीसरी रेल लाइन की 22 कमियां

भोपाल रेल मंडल से लिया उधार,

ट्रेनों को 30 पर रोका

प्रवेश गौतम, भोपाल। हबीबगंज से इटारसी के बीच तीसरी रेल लाइन के निर्माण को लेकर आरवीएनएल (रेल विकास निगम लिमिटेड) की गंभीरता संदिग्धता के दायरे में आती जा रही है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इटारसी से बुदनी सेक्शन के बीच लगभग 25 किलोमीटर रेल लाइन में बताई गई कमियों को आरवीएनएल 16 महीने में भी पूरा नहीं कर पाया है। हालात यह हैं कि रेलवे के हजारों करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद उक्त सेक्शन का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि दबाव के चलते रेलवे ने इस सेक्शन को मजबूरी में अपने आधीन ले लिया है लेकिन ट्रेन इसमें पूरी तरह कब तक दौड़ेगी इसका अभी कोई ठिकाना नहीं है।

गौरतलब है कि द करंट स्टोरी ने 17 अप्रैल 2019 को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस)द्वारा इटारसी से बुदनी सेक्शन के बीच किए गए निरीक्षण और उसमें पाई गई खामियों को प्रकाशित किया था (सीआरएस के सामने खुली RVNL के भ्रष्टाचार की पोल, दिए जांच के निर्देश)। इस निरीक्षण में कई गंभीर अनियमित्तओं सहित गुणवत्ता विहीन कार्य को सीआरएस ने इंगित किया था व अपनी रिपोर्ट में इन्हें सुधारने व जांच करने के निर्देश दिए थे। लेकिन बेलगाम व मदमस्त अफसरों की लापरवाही इस कदर है कि उक्त कमियों में से ज्यादातर को आज तक दूर नहीं किया जा सका। दबाव में रेलवे ने इस लाइन को अपने आधीन तो ले लिया लेकिन अब अधूरे व कम गुणवत्ता के कार्यों को आरवीएनएल से पूरा करवाने में पसीने आ रहे हैं। हालात यहां तक बुरे हो चुके हैं कि पश्चिम मध्य रेलवे को सख्त पत्र लिखकर आरवीएनएल को कहना पड़ रहा है कि अधूरे कामों को जल्द पूरा करें। निर्माण में लापरवाही के चलते कभी भी दुर्घटना होने की संभावना है।

अधिकारियों की लापरवाही व गुणवत्ता विहीन निर्माण के चलते लगभग 25 किलोमीटर वाले इस सेक्शन में बनी तीसरी रेल लाइन में 30 किलो मीटर प्रति घंटा से ज्यादा गति पर पाबंदी लगाई गई है। जिसके कारण पूर्व की दो लाइनों में ट्रेनों के दबाव की यथास्थिति है, जिसके कारण मंडल में ट्रेनों के समय की पाबंदी में असर पड़ रहा है।

मंडल से उधार लेकर किए पांच काम
सीआरएस ने जो दिशा निर्देश जारी किए थे, उनको आज तक पूरा नहीं किया गया है। पश्चिम मध्य रेलवे के चीफ ट्रेक इंजीनियर राजेश अरोड़ा ने आरवीएनएल भोपाल के ईडी को पत्र लिखकर 27 कार्यों को जल्द पूरा करने को कहा है। राजेश अरोड़ा द्वारा लिखे पत्र में उल्लेखित किया गया है आरवीएनएल को जो 27 काम पूरे करने हैं उनमें से पांच काम जो पूरे हुए हैं, उनके लिए भोपाल मंडल ने आरवीएनएल को उधार दिया है। मामले को लेकर जब आरवीएनएल के ईडी विकास अवस्थी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन और एसएमएस का कोई जवाब नहीं दिया। विकास अवस्थी की चुप्पी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आरवीएनएल की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है।

सीआरएस भी भूमिका भी संदिग्ध!
सीआरएस एके जैन ने अप्रैल 2019 में जब इस सेक्शन का निरीक्षण किया था तब उन्हें कई खामियां मिलीं थी। बावजूद इसके सीआरएस एके जैन ने उक्त रेलवे लाइन में ट्रेन चलाने की सशर्त मंजूरी दे दी। ऐसे में सवाल उठता है कि जब सीआरएस की शर्तों का पालन हुआ ही नहीं तब ऐसे में ट्रेन के संचालन को अनुमति क्यों प्रदान की गई? मामले को लेकर जब उनसे उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया।

इस तरह के कार्य नहीं हुए
1. बैंक की उंचाई और चौड़ाई अनुचित
2. कम दृश्यता
3. नर्मदा नदी के पुल के आसपास अनुचित व अनुपयोगी निर्माण
4. नींव बनाने में कम गिट्टी का उपयोग
5. पुराने व अमानक समान का उपयोग
6. पानी निकासी के अपर्याप्त व्यवस्था
7. अन्य

इनका कहना है:
रेलवे तो चाहता है कि तीसरी रेल लाइन जल्दी पूरी हो जिससे ट्रेक पर ट्रेनों का परिचालन किया जा सके। हालांकि आरवीएनएल कब तक काम पूरा करेगा, इसका जवाब तो आरवीएनएल के अधिकारी ही दे सकते हैं।
- उदय बोरवणकर, डीआरएम, भोपाल रेल मंडल

सीआरएस निरीक्षण के 16 महीने के बाद भी कमियों को दूर नहीं किया गया है। भोपाल मंडल की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आरवीएनएल को पत्र लिखा है। उन्हें कमियों को सुधारने एवं अनुपालन करने के लिए लिखा है। ज्यादा जानकारी के लिए आप भोपाल रेल मंडल से संपर्क कर सकते हैं।
- राजेश अरोड़ा, चीफ ट्रेक इंजीनियर, पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर

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