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आरवीएनएल के कारण, रेलवे ट्रेक की सेफ्टी हो रही प्रभावित

Exclusive Jul 01, 2020       2921
आरवीएनएल के कारण, रेलवे ट्रेक की सेफ्टी हो रही प्रभावित

पमरे ने ईडी को लिखा पत्र, लगाए गंभीर आरोप

प्रवेश गौतम। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के कारण भोपाल रेल मंडल अंतर्गत रेलवे ट्रेक की सेफ्टी खतरे में पड़ रही है। आरवीएनएल की लापरवाही इस कदर बढ़ गई है कि ट्रेक की संरक्षा संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उक्त गंभीर आरोप पश्चिम मध्य रेलवे जोन (पमरे) ने आरवीएनएल (RVNL) की भोपाल शाखा पर लगाए हैं।

दरअसल आरवीएनएल द्वारा इटारसी से बुदनी के बीच तीसरी रेल लाइन का जो निर्माण किया गया है, उसमें कई खामियां पाई गईं थी। पिछले साल अप्रैल 2019 में रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में इन कमियों को सुधारने की शर्त के साथ ट्रेन चलाने की अनुमति दी थी। लेकिन 17 महीने के बाद भी आरवीएनएल ने इन कमियों को पूरी तरह से ठीक नहीं किया है। नतीजा यह हुआ कि आज भी इस ट्रेक पर ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। आरवीएनएल के अधिकारियों की लापरवाही इस कदर बढ़ गई है कि पश्चिम मध्य रेलवे और भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों द्वारा बार बार कहने पर भी काम पूरा नहीं हो पा रहा है। वहीं मंडल के इंजीनियरों को बार बार निरीक्षण करना पड़ रहा है।

आरोप: सेफ्टी पर नहीं दे पा रहे ध्यान
पश्चिम मध्य रेलवे के चीफ ट्रेक इंजीनियर ने 24 जून को ईडी आरवीएनएल को पत्र लिखा। इसमें गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि सीआरएस के निरीक्षण के 17 महीने बीत जाने के बाद भी आरवीएनएल द्वारा ट्रेक की कमियों को दूर नहीं किया गया है। वहीं आरवीएनएल की लापरवाही के कारण मंडल के इंजीनियरों को बार बार निरीक्षण करना पड़ रहा है, जिसके परिणाम स्वरुप इंजीनियर, ट्रेक की सेफ्टी से संबंधित आवश्यक कार्यों पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।

एक महीने में दो बार जारी किए पत्र
इस सेक्शन के अधूरे काम को पूरा करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे को दो बार पत्र लिखना पड़ा। द करंट स्टोरी ने 10 जून के अंक में प्रकाशित किया था कि, पमरे ने एक जून को आरवीएनएल को पत्र लिखकर 22 कमियों को दूर करने के लिए कहा गया था। जिसके बाद 18 जून को भोपाल मंडल के सीनियर डीईएन और आरवीएनएल के जीएम ने संयुक्त निरीक्षण किया था। जिसमें पाया गया कि केवल 9 कमियों को ही ठीक किया गया है। शेष 10 कमियां यथावत हैं। इन्हीं 10 कमियों को दूर करने के लिए जोन ने 24 जून को दोबारा पत्र लिखा। संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है जब रेलवे ने आरवीएनएल को एक महीने में दो बार पत्र लिखा है और गंभीर आरोप लगाए हैं।

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