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भोपाल डीआरएम के खिलाफ नामजद क्रिमिनल केस दर्ज, देश का पहला मामला

Exclusive Mar 31, 2017       16658
भोपाल डीआरएम के खिलाफ नामजद क्रिमिनल केस दर्ज, देश का पहला मामला

प्रवेश गौतम, भोपाल। भारतीय रेलवे के इतिहास में संभवत: पहली बार किसी डीआरएम के खिलाफ नामजद क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है। भोपाल रेल मंडल के प्रबंधक आलोक कुमार के खिलाफ भोपाल कोर्ट ने क्रिमिनल केस दर्ज करके उन्हें नोटिस जारी किया है। इस मामले में दो अन्य के खिलाफ भी नोटिस जारी किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने भोपाल रेल मंडल द्वारा लगातार किए जा रहे प्रदूषण नियमोंं के उल्लंघन में डीआरएम को कई नोटिस जारी किए, बावजूद इसके रेलवे लगातार कानून का उल्लंघन करता रहा। जिसके बाद पीसीबी ने भोपाल डीआरएम आलोक कुमार के नाम से क्रिमिनल केस भोपाल न्यायायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में दर्ज कराया।

पीसीबी के अधिवक्ता दीपेश शुक्ला ने द करंट स्टोरी को बताया कि रेलवे द्वारा लगातार पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था। जिससे पानी बर्बाद हो रहा था और प्रदूषण फैल रहा था। रेलवे द्वारा बिना पीसीबी की सम्मति के हबीबगंज व भोपाल स्टेशन में ट्रेनों के कोच को वाशिंग पिट में धोया जा रहा था। उससे निकलने वाले गंदे पानी को सीधे डिस्चार्ज किया जा रहा था।

दीपेश शुक्ला ने आगे बताया कि भोपाल रेल मंडल द्वारा संचालित लांड्री (ट्रेनों में उपयोग होने वाली चादरों, तौलियों आदि के लिए) भी बिना पीसीबी की अनुमति के संचालित हो रही थी और गंदे पानी को का ट्रीटमेंट किए बिना ही उसे डिस्चार्ज हो रहा था।

शुक्ला ने कहा कि उक्त दोनो ही मामले में जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1974 हो रहा था। इसी अधिनियम की धारा 25, 44 एवं 48 के तहत डीआरएम आलोक कुमार के खिलाफ कोर्ट में क्रिमिनल केस दर्ज कराया गया है। जिसमें कोर्ट ने डीआरएम को प्रस्तुत होने के लिए सम्मन जारी किया है।

डीआरएम आलोक कुमार को स्वयं होना होगा उपस्थित
एडवोकेट दीपेश शुक्ला ने द करंट स्टोरी को जानकारी देते हुए बताया कि जल अधिनियम के तहत दर्ज क्रिमिनल केस में आरोपी को स्वयं कोर्ट में पेश होना पड़ता है। इन मामलों में पेश न होने पर नामजद आरोपी के खिलाफ कोर्ट वारंट भी जारी कर सकती है। वहीं इस मामले में दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल हो सकती है।

डीआरएम आलोक कुमार ने नहीं दिया जवाब
इस मामले में द करंट स्टोरी ने जब भोपाल डीआरएम आलोक कुमार का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि डीआरएम आलोक कुमार पहले भी कई बार लापरवाही के कारण रेलवे को भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं। बावजूद इसके रेलवे बोर्ड ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।

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