द करंट स्टोरी, डेस्क। 11 मार्च को आए पांच विधानसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इन नतीजों ने आम आदमी पार्टी (आप) और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है।
नतीजों से बौखलाए आप के अरविंद केजरीवाल एवं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा की केंद्र सरकार पर सनसनीखेज़ आरोप लगाए हैं। अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में हार पर शक जताया है कि कहीं पंजाब में ईवीएम के जरिए आम आदमी पार्टी के वोट बीजेपी-अकाली गठबंधन के खाते में तो नहीं चला गया, जिससे कांग्रेस जीत गई।
बुधवार को नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्रकार वार्ता कर एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के वोट अकाली दल गठबंधन और कांग्रेस को ट्रांसफर किए गए। केजरीवाल ने बुधवार को आरोप लगाया कि आप को पंजाब से बाहर रखने के लिए ईवीएम में छेड़छाड़ की गई।
ईवीएम की भूमिका पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा और अकालियों को 30 फीसद वोट कैसे मिल सकते हैं, जबकि लोग उनसे नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हर सर्वे में आप की जीत की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन हम दूसरे नंबर पर चले गए। सब लोग मानकर चल रहे थे कि पंजाब में अकाली गठबंधन को हराने के लिए लोगों ने जमकर वोट डाले, लेकिन इसके बावजूद गठबंधन को 30 फीसद वोट कैसे मिल गए। पंजाब के नतीजे आए तो उलट निकला, जबकि हमारे कार्यकर्ता शपथपत्र देने को तैयार हैं कि उन्होंने वोट दिए हैं फिर कहां गए।
मायावती जाएंगी कोर्ट:
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड चुनाव में मिली हार के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम मशीन में गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बुधवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कह कि विधानसभा में मोदी की जीत ईमानदारी की जीत नहीं है। बल्कि यह बेईमानी और लोकतंत्र की हत्या की जीत है। उन्होंने आगे कहा कि वह इस मामले को कोर्ट तक ले जाने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि मायावती ने चुनाव आयोग से मशीनों की जांच बात कही थी, जिसे आयोग ने मानने से मना कर दिया था। इसके बाद मायावती इसी मामले को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रहीं है।
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