भोपाल। अचानक ही रेलवे में कार्यरत समस्त यूनियनों के नेता आजकल रेलवे अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि अपने आप को मेडिकली अनफिट करा सके। वहीं रेलवे में कार्यरत डॉक्टर इनके चक्कर से परेशान हैं।
रेलवे से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कर्मचारी यूनियन के विभिन्न पदों पर कब्जा जमाए कई नेता रेलवे बोर्ड के एक आदेश से परेशान हो गए हैं। और इससे बचने के लिए अपने आप को मेडिकली अनफिट करवाने की जुगाड़ में लग गए हैं।
गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड द्वारा जनवरी में जारी एक आदेश अनुसार, कोई भी कर्मचारी जो रेलवे के संरक्षा व सुरक्षा से जुड़ा है वह अब नेतागिरी नहीं कर सकता। आदेश में कानपुर एवं छत्तीसगढ में हुए हादसे का हवाला देते हुए कहा गया है कि संरक्षा एवं सुरक्षा से जुड़े हर कर्मचारी को नौकरी पर ध्यान देना होगा और वह किसी भी कर्मचारी संगठन का पदाधिकारी नहीं हो सकता। हालांकि संगठन के सदस्य होने पर रेलवे को कोई आपत्ति नहीं होगी। रेलवे ने इसके लिए 31 मार्च तक का समय सभी कर्मचारी नेताओं को दिया है। इस आदेश के बाद रेलवे यूनियनों के नेताओं में खलबली मच गई थी।
नाम न छापने की शर्त पर रेलवे की एक यूनियन के नेता ने द करंट स्टोरी को बताया कि उक्त आदेश के बाद यूनियन में पदस्थ लगभग समस्त पदाधिकारी आदेश के फेर से बचने की जुगाड़ में लग गए हैं और अपने आप को मेडिकली अनफिट कराने के चक्कर में हैं। रेलवे के नियमों के अनुसार कोई भी ऐसा व्यक्ति जो मेडिकली अनफिट हो संरक्षा से जुड़े काम नहीं कर सकता। इसी नियम को आधार बनाकर नेता अपने पद को बचाना चाहते हैं। रेलवे बोर्ड ने भी आदेश में संरक्षा का हवाला दिया है।
नेताओं ने फैलाई थी अफवाह!:
मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि, आदेश आने के बाद, कई कर्मचारी नेताओं ने अफवाह फैलाने का काम भी किया था, ताकि कर्मचरियों को गुमराह किया जा सके। प्राप्त जानकारी अनुसार नेताओं ने अफवाह फैलाई थी कि रेलवे बोर्ड ने अपना आदेश वापस ले लिया है। वहीं कई मीडिया संस्थाओं को गलत जानकारी देकर खबर भी छपवाई थी। इसके पीछे का कारण था कि कर्मचारियों में रोष न व्याप्त हो। हालांकि नेताओं की यह चाल रेलवे बोर्ड के एक दूसरे आदेश ने विफल कर दी।
हड़ताल की दे रहे धमकी:
द करंट स्टोरी को सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, रेलवे यूनियन के संगठन एनएफआईआर — नेशनल फेडरेशन आॅफ इंडियन रेलवेमेन, ने हाल ही में रेल मंत्रालय के अधिकारियों से एक मुलाकात की और इस आदेश को रद्द करने की मांग रखी। जिसे रेलवे ने खारिज कर दिया। उसके बाद रेलवे यूनियन ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।
इन बीमारी से होना चाहते हैं पीड़ित:
— आंख कमजोर होना
— ब्लड प्रेशर
— हार्ट की समस्या
— गुठनों की समस्या, आदि
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