द करंट स्टोरी, भोपाल। भोपाल रेल मंडल अंतर्गत इलेक्ट्रिकल शाखा के अधिकारियों की लापरवाही से अभी तक केवल आम यात्री ही परेशान होता रहा है, लेकिन अब तो रेलवे कर्मी और उनके परिवार वाले भी इनकी लापरवाही के चलते परेशान और तरस रहे हैं।
हुआ यूं कि शुक्रवार की रात लगभग 11 बजे से लेकर शनिवार की शाम लगभग 6 बजे तक भोपाल रेल मंडल की भोपाल स्थित चार कालोनियों में लगभग 18 घंटे तक बिजली गुल रही। एक ओर जहां रेलवे अपनी कार्यकुशलता के लिए अपनी पीठ थपथपा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर, कुछ अधिकारियों की कमीशनखोरी और लापरवाही के कारण रेलवे कर्मियों के परिवार को भी परेशान होना पड़ रहा है।
रेलवे से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, चार रेलवे कालोनियों (ईस्ट, वेस्ट, खजांजी एवं निशातपुरा) में शुक्रवार रात को केबल के ज्वांटिंग में खराबी आने के कारण सभी कालोंनियों के घरों की लाइट बंद हो गई। उसके बाद रेलवे के इलेक्ट्रिकल विभाग द्वारा कालोनियों की लाइट शनिवार शाम को लगभग 6 बजे शुरु की गई।
इन 18 घंटों में रेलवे कर्मियों के परिवार वाले परेशान होते रहे, लेकिन डीईई जनरल ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
डीईई जनरल ने आला अधिकारियों को नहीं दी सूचना
द करंट स्टोरी ने जब इस मामले में पश्चिम मध्य रेलवे के सीईई से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी डीईई जनरल ने नहीं दी है। उन्होंने आगे कहा कि मामला गंभीर है, यदि ऐसा हुआ है तो जांच करवाई जाएगी। वहीं मंडल कार्यालय में सूत्रों ने बताया कि डीईई जनरल ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी किसी को नहीं दी।
संदिग्ध मामला!
सूत्रों के अनुसार, डीईई जनरल द्वारा पहले भी कई रुटीन मेंटनेंस के कामों को तवज्जों नहीं दी गई है। कई जरुरी फाइलों को होल्ड करने एवं मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों को बेवजह परेशान करने के कई मामले भी सामने आए हैं। हालांकि कोई भी मातहत इनके खिलाफ बोलने से डरता है।
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