प्रवेश गौतम, भोपाल। 'ईगो' के चलते काम प्रभावित होता है, सभी अधिकारियों को आपस में सामंजस्य बनाकर काम करना चाहिए और जितना हो सके ईगो को दूर रखना चाहिए। इससे काम बेहतर और समय पर होता है। यह कहना है भोपाल रेल मंडल के नए डीआरएम शोभन चौधरी का।
17 अप्रैल को डीआरएम का पदभार ग्रहण करने के बाद शोभन चौधरी ने द करंट स्टोरी से विशेष चर्चा के दौरान कहा कि मंडल के सभी अधिकारी परिपक्व और समझदार हैं। ट्रेन के सुचारु संचालन के लिए सभी का योगदान सराहनीय है।
विभागों के आपसी तालमेल से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए डीआरएम ने कहा कि सभी विभाग महत्वपूर्ण हैं जैसे कि शरीर में हर अंग की अपनी विशेषता होती है वैसे ही रेलवे में सभी विभाग की विशेषता है। आपसी तालमेल के कारण ही रेलवे का बेहतर संचालन हो रहा है। रेलवे का काम टीम वर्क से चलता है, जिसे हर अधिकरी समझता है।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे 24 घंटे काम करती है, जबकि अन्य विभागों के काम का समय निर्धारित रहता है। रेलवे में हर विभाग निरंतर कार्य करता रहता है। 24 घंटे काम तभी होता है जब आपस में बेहतर सामंजस्य हो।
प्राथमिकता:
शोभन चौधरी ने कहा कि यात्री सुविधाओं में विस्तार और सुरक्षित यात्रा उनकी प्राथमिकता है। वहीं ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भोपाल के आसपास चैन पुलिंग और चोरियों की वारदातें ज्यादा होती हैं, इसको भी कम करने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही ट्रेनों और प्लेटफॉर्म में सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जल्द ही ट्रेनों में डिस्प्ले सिस्टम लगवाए जाएंगे, जो यात्रियों को ट्रेन की लोकेशन और आगे आने वाले स्टेशन की जानकारी देंगे। यह सिस्टम जीपीएस आधारित होगा।
कर्मचरियों को बेहतर माहौल:
शोभन चौधरी ने कहा कि कर्मचारियों को काम करने के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराया जाएगा। उनकी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा। कर्मचारी किसी भी संगठन के अति महत्वपूर्ण अंग व साधन होते हैं और यदि यह खुश रहकर काम करेंगे तो संगठन भी अच्छा काम करेगा। कर्मचारियों की समस्याओं का जल्दी निराकरण करना प्राथमिकता होगी, जिससे काम प्रभावित न हो। वहीं कर्मचारियों की कालोनियों में साफ सफाई आदि का विशेष ध्यान दिया जाएगा।
प्रोजेक्ट में लाएंगे तेजी:
एक सवाल के जवाब में डीआरएम शोभन चौधरी ने द करंट स्टोरी को बताया कि कुछ प्रोजेक्ट में देरी होती है, हमारा प्रयास रहेगा कि इसमें तेजी लाएं। हालांकि बड़े प्रोजेक्ट को रेलवे दूसरी एजेंसियों से करवाता है फिर भी मंडल स्तर पर कोई सहयोग यदि एजेंसी चाहती हैं तो उसे तत्परता से उपलब्ध कराया जाएगा। यह बात सबको समझने की जरुरत है कि किसी भी प्रोजेक्ट में कागजी कार्रवाई में समय लगता है। वहीं जमीनी स्तर पर काम प्राजेक्ट के आखिरी साल में ही दिखता है।
संवेदनशील पदों पर सालों जमे कर्मचारियों को हटाया जाएगा:
भोपाल रेल मंडल में कई कर्मचारी ऐसे हैं जो अपने पदों पर सालों से बैठे हैं। इनको लेकर डीआरएम ने कहा कि यह सुनिश्श्चित किया जाएगा कि संवेदनशील पद पर तीन साल से ज्यादा कोई न रहे। यदि ऐसा कोई है तो उसका तबादला किया जाएगा।
कर्मचारी यूनियनों को लेकर नियम का पालन होगा:
पूर्व डीआरएम आलोक कुमार और रेलवे की यूनियनों के बीच रिश्ते सहीं नही रहे। मंडल के इतिहास में पहली बार हुआ कि आलोक कुमार के जाते समय यूनियन ने उनके मुर्दाबाद के नारे लगाए। वहीं उनके जाने के बाद मंडल कार्यालय में शुद्धि यज्ञ भी किया। इन सब मामलों पर वर्तमान डीआरएम शोभन चौधरी ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि यूनियन के साथ सामंजस्य बना रहे इसकी कोशिश की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यूनियन को लेकर जो भी रेलवे बोर्ड के नियम हैं उनका पालन किया जाएगा।
हबीबगंज वर्ल्ड क्लास स्टेशन, भोपाल के लिए गर्व की बात:
डीआरएम ने कहा कि हबीबगंज स्टेशन देश का पहला वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनेगा, यह भोपाल वासियों के लिए गर्व कि बात है। उन्होंने कहा कि जबसे स्टेशन को डेवलपर को हैंडओवर किया गया है, तबसे शिकायतों में कमी आई है, और पर्किंग जैसी सुविधाओं बेहतर हुई हैं। स्टेशन का काम पूरा होने पर यात्रियों को और भी सुविधाएं मिलेंगी। कोशिश रहेगी कि इसका काम समय पर पूरा कर दिया जाए।
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