द करंट स्टोरी, भोपाल। आपने अकसर सुना होगा कि सड़क पर ट्रक और अन्य लोडिंग वाहन ओवनलोड होकर चलते हैं। जिसका प्रतिकूल प्रभाव सड़कों पर पड़ता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि ट्रेन भी ओवरलोड होकर चलती हैं, वह भी यात्री ट्रेन। जी हां ऐसा ही एक मामला बीती 16 मई को भोपाल रेल मंडल में हुआ है जिसके कारण इंजन के ड्रायवर यानि लोको का सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया गया है।
द करंट स्टोरी को प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रेन नं 19322 (राजेन्द्र नगर-इंदौर एक्सप्रेस) 16 मई को भोपाल स्टेशन पर सात घंटे से भी ज्यादा देरी से आई। रेलवे के अधिकारियों ने जब कारण देखा तो चौक गए कि क्षमता से ज्यादा यात्रियों के कारण ट्रेन ओवरलोड हो गई थी। जिसके कारण इंजन स्पीड नहीं ले पा रहा था।
उक्त ट्रेन को चलाने वाला लोको, समय से पहुंचने की कोशिश करते हुए ट्रेन को धीरे धीरे झांसी से भोपाल ले आया। इस बीच रास्ते में कई बार इंजन ज्यादा गर्म होने की वजह से उसमें अलार्म बज गया। हालांकि लोको ने उक्त जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी थी, लेकिन किसी ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी जवाबदारी बचाने के लिए उक्त लोको का कंपीटेंसी सर्टिफिकेट ही निरस्त कर दिया।
मेले के दौरान अकसर होती है ट्रेनें ओवरलोड
रेलवे के सूत्रों के अनुसार, धार्मिक मेले, प्रतियोगी परिक्षाओं या अन्य विशेष आयोजनों के दौरान उत्तरप्रदेश से आने वाली ट्रेनें अकसर ओवरलोड हो जाती हैं। लेकिन रेलवे इस तरह कभी भी लोको पर कोई कार्रवाई नहीं करता।
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