द करंट स्टोरी, भोपाल। रेलवे में ड्रोन कैमरों के उपयोग लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पहले रेलवे ने अपने प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन कैमरों को उपयोग किया। अब रेलवे इन कैमरों से घटनास्थल :ट्रेन हादसों की जगह: की मॉनिटरिंग करने की तैयारी में है। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा मदद प्रभावितों को पहुंचाई जा सके।
पश्चिम मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द करंट स्टोरी को बताया कि हादसे वाली जगहों पर रेलवे अपनी एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन भेजता है और पल पल की जानकारी घटना स्थल पर मौजूद अधिकारी व कर्मचारी कंट्रोल को देते हैं। जिसके आधार पर आला अधिकारी आगे की रणनीति बनाते हैं। कई बार घटना स्थल पर हुए वास्तविक नुकसान की सही जानकारी समय पर नहीं मिल पाती। इसी को देखते हुए ड्रोन कैमरे लेने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि ड्रोन कैमरों को एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन में रखा जाएगा और किसी भी घटना के दौरान इसे ट्रेन के साथ भेजा जाएगा। घटनास्थल पर पहुंचते ही ड्रोन कैमरे से घटना स्थल की लाइव फोटो कंट्रोल रुम में भेजी जाएंगी। इससे वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और सही निर्णय लिए जा सकेंगे ताकि प्रभावित व पीड़ितों को सही समय पर मदद मिल सके।
इसके तहत, पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय व भोपाल रेल मंडल एक एक कैमरा खरीदेंगे।
जयपुर में हुई थी प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग
रेलवे ने सबसे पहले जयपुर के पास बन रही रेलवे लाइन की मॉनिटरिंग करने के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया था। उसके बाद देश के कई हिस्सों में प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग के लिए रेलवे ने ड्रोन कैमरों का उपयोग शुरु कियौ
घटना की मॉनिटरिंग के लिए पश्चिम मध्य रेलवे में सबसे पहले
रेलवे अधिकारी ने द करंट स्टोरी को बताया कि प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग कई जगह किया जा रहा है। लेकिन हादसों की मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग, संभवत: देश में पहल बार पश्चिम मध्य रेलवे में होने जा रहा है।
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