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होटलों की तर्ज पर अब शहर भी होंगे '7 स्टार'

Exclusive May 26, 2018       2092
होटलों की तर्ज पर अब शहर भी होंगे '7 स्टार'

होटलों की तर्ज पर अब शहरों को भी मिलेगी 'स्टार रेटिंग' अब शहर भी होंगे 7 स्टार

द करंट स्टोरी, भोपाल। जल्द ही शहरों के नाम के आगे लिखा होगा - 'फाइव या सेवन स्टार'। जी हां, ऐसा होने वाला है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'स्वच्छ भारत' के अंतर्गत आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने कवायद भी शुरु कर दी है।

मध्यप्रदेश नगरीय एवं विकास संचालनालय में इसको लेकर कार्ययोजना बनाने का काम भी शुरु हो गया। केंद्रीय मंत्रालय के ने शहरों को स्टार रेटिंग देने के लिए 11 मापदंडों निर्धारित किए गए हैं। इन मापदंडों के अलग अलग स्तर को पूरा करने के बाद एक से लेकर सात स्टार तक की रे​टिंग दी जाएगी। हालांकि फिलहाल यह रेटिंग कचरा प्रबंधन को लेकर दी जाएगी, लेकिन बाद में इसको स्वच्छता रैकिंग में भी जोड़ा जा सकता है।

संचालनालय में पदस्थ उच्च अधिकारियों के अनुसार, स्टार रेटिंग देने के पीछे की मंशा यह है कि नगरीय निकाय और लोग शहर को स्वच्छ रखने में पूरा सहयोग करें। इसको आम आदमी की भावनाओं से भी जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

गौरतलब है कि नगरीय निकाय स्वच्छता रैकिंग के निरीक्षण के दौरान ही साफ सफाई में सक्रिय दिखते थे, लेकिन उसके बाद लगभग हर शहर में स्वच्छता अभियान ठंडा पड़ जाता था। लेकिन रेटिंग के मामले में ऐसा नहीं होगा, यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और इसकी मॉनिटरिंग के लिए भी प्रावधान किए जा रहे हैं।

इन 11 मापदंडों पर मिलेगी स्टार रेटिंग
• डोर टू डोर कचरा कलेक्शन
• कचरे को स्रोत पर पृथक्करण
• सार्वजनिक, वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्रों पर सफाई
• अपशिष्ट भंडारण डिब्बे, डस्टबिन और सामग्री रिकवरी सुविधा
• थोक अपशिष्ट उत्पादक जैसे कि सोसायटी आदि द्वारा कचरा प्रबंधन का पालन
• वैज्ञानिक अपशिष्ट प्रसंस्करण, वैज्ञानिक लैंडफिलिंग और सीएंडडी अपशिष्ट प्रबंधन
• उपयोगकर्ता शुल्क, जुर्माना, गंदगी फैलाने पर स्पॉट फाइन और प्लास्टिक बैन लागू करना
• नागरिक शिकायत निवारण एवं फीडबैक सिस्टम
• कच्चे कचरे को फेंकने की उचित व्यवस्था और उनका निपटारा
• तूफान या बारिश के पानी के निकासी हेतु नाली आदि का प्रबंधन
• शहर की सुंदरता

 
स्व्यं कर सकते हैं मूल्यांकन
इस योजना अंतर्गत, एक, दो, चार एवं छह स्टार के लिए नगरीय निकाय स्वत: ही मूल्यांकन करके निर्धारण कर सकते हैं। इसके लिए केंद्र द्वारा निर्धारित 11 मापदंडों को पूरा करना होगा और उसके बाद नोटिफिकेशन जारी करके केंद्र को बताना होगा। हालंकि थर्ड पार्टी द्वारा सत्यापन कराना भी अनिवार्य होगा।

सेवन स्टार के लिए केंद्र करेगा निरीक्षण
योजना अंतर्गत नगरीय निकाय एक, दो, चार और छह स्टार तो स्वयं ले सकते हैं, लेकिन तीन, पांच एवं सात स्टार के लिए केंद्र द्वारा निरीक्षण ​किया जाएगा और घोषणा की जाएगी। जब कोई नगरीय निकाय दो स्टार की घोषणा कर देगा, तो उसके बाद केंद्र की टीम शहर का निरीक्षण करेगी और मापदंड पूरा करने के बाद ही तीसरा स्टार दिया जाएगा। उसके बाद निकाय स्वयं 4 स्टार ले सकता है। लेकिन पांच और फिर सात स्टार के लिए केंद्र की टीम ही निरीक्षण करेगी।

इंटरलिंक होंगी सभी योजनाएं
नगरीय प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, स्टार रेटिंग के साथ ही सभी योजनाओं को इंटरलिंक किया जा रहा है। जैसे कि ओडीएफ होने के बाद ही अमृत योजना की तीसरी किस्त नगरीय निकायों को दी जाएगी। इसी तरह अन्य नियम व योजनओं को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। एक योजना को पूरा करने पर ही दूसरी योजना के लिए भुगतान दिया जाएगा। ऐसा करने से नगरीय निकायों को अब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि सभी नियमों और योजनाओं पर एक साथ ध्यान देना होगा।

स्वच्छता रैंकिंग में भोपाल को खतरा
सूत्रों की मानें तो, देश भर के शहरों में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम अगले हफ्ते आने की उम्मीद है। इसमें मप्र के तीन शहरों — इंदौर, भोपाल एवं उज्जैन, का नाम टॉप 10 में शामिल हो सकता है। टॉप 3 में इंदौर अपनी जगह बना सकता है, वहीं भोपाल दूसरा स्थान सुरक्षित रख पाए, इसमें संशय बना हुआ है। हालांकि उज्जैन की स्थिति जरुर बेहतर है। इसके अलावा जबलपुर को लेकर भी चौंकाने वाले परिणाम आने की उम्मीद है।

इनका कहना है:
स्वच्छ भारत मिशन :शहरी: अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में स्वच्छता अभियान की प्रक्रिया को निरंतर रखने के लिए स्टार रेटिंग की व्यवस्था की गई है। इसमें 11 मापदंडों का निर्धारण किया गया है उसको पूरा करने वाले शहरों को स्टार रेटिंग दी जाएगी। तीन, पांच और सात स्टार रेटिंग का सत्यापन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

— डॉ. मंजू शर्मा, मिशन डायरेक्टर, स्वच्छ भारत मिशन, मप्र

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