• Wednesday, May 15, 2024
Breaking News

गौमांस बेचने वालों पर मोदी सरकार मेहरबान! किया जीएसटी के दायरे से बाहर

Exclusive Jul 09, 2017       2832
गौमांस बेचने वालों पर मोदी सरकार मेहरबान! किया जीएसटी के दायरे से बाहर

रिज़वान अहमद सिद्दीक़ी। जिस दौर में गौरक्षा के नाम पर इंसान दरिंदगी पर उतर आया है, यह आग किसने लगाई है, यह सब जानते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार गौमांस के विक्रय को हतोत्साहित करने के बजाय उसे करमुक्त कर रही है। यह हाल ही में जारी भारत सरकार के राजपत्र से साबित होता है।

भारत सरकार ने जीएसटी में कर के दायरे से जिन वस्तुओं या अन्य को बाहर रखा है उनमें गौवंश और गौमांस विक्रय को भी सम्मिलित किया गया है। इसमें एक बार नहीं चार बार गोकुलीय प्राणी शब्द का उपयोग किया गया है। जिसमें एक बार जीवित गाय और दो बार गौमांस और एक बार मृत गौवंश के शारीरिक अवशेषों का उल्लेख किया गया है।

जब देश के अधिकांश क्षेत्र में बूचड़खाने और बीफ़ के ख़िलाफ़ सरकारी अभियान जारी है और गौरक्षक हिंसा पर उतारू हैं, जिन्होंने महज़ शक के आधार पर कई इंसानों की जान ले ली है और कइयों को लहूलुहान कर चुके हैं। ऐसे में गौमांस के विक्रय को हतोत्साहित करने के बजाय उसे कर मुक्त करना अनेकों प्रश्न को जन्म देता है। 

गौवंश ही नहीं सुअर और गधे के मांस को भी कर मुक्त रखा गया है। प्रदूषित मांस के नाम पर सरकारें बूचड़खाने बंद कर रही हैं और सुअर जैसे प्राणी के घातक मांस के विक्रय को भी कर मुक्त कर प्रोत्साहित किया जा रहा है। आम ज़रूरतों की कई वस्तुओं पर कर का भार पड़ेगा लेकिन इन वस्तुओं के प्रोत्साहन के पीछे सरकारी आदेश विवादों को जन्म देता है।

असाधारण राजपत्र में विभिन्न प्राणियों के मांस का उल्लेख है कहीं ताज़ा और कई स्थान पर हिमशीतित यानि कि फ्रिज़ आदि में ठंडा किए गए मांस का ज़िक्र है। जब भोजन में प्रयुक्त सभी प्राणियों का मांस कर मुक्त है तो सबके नामों का उल्लेख औचित्यहीन है फिर भी ऐसा क्यों किया गया शायद ही सरकार के पास इसका उचित उत्तर हो। 

सरकार का यह ताज़ा राजपत्र उन लोगों के लिए भी सबक है जो 'कौवा कान ले गया' के आधार पर हिंसा पर उतारू हैं।

राजपत्र को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

(लेखक न्यूज़ वर्ल्ड चैनल के एडीटर इन चीफ़ हैं।)
 

Related News

जांच एजेंसी के सामने, कसूरवार से पीड़ित बनने का खेल

Feb 13, 2024

सोचिए, नहीं तो एक दिन हर व्यक्ति भ्रष्ट अधिकारियों से ब्लैकमेल होने लगेगा प्रवेश गौतम (द करंट स्टोरी, भोपाल)। मध्य प्रदेश में सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध कई मामलों में जांच चल रही है। आलम यह है की प्रदेश सरकार इन अधिकारियों पर अभियोजन की अनुमति नहीं दे रही है। सरकार द्वारा अनुमति न देने के कई कारण हो सकते है , जिनमे राजनीतिक के अलावा अन्य कारण भी शामिल हैं। पिछले कुछ सालों में भ्रष्ट...

Comment