• Friday, April 26, 2024
Breaking News

पहले RSS तो अब 'वन' और 'पर्यावरण' के फेर में उलझी 'पीसीबी अध्यक्ष' की नियुक्ति

Exclusive Aug 20, 2017       2834
पहले RSS तो अब 'वन' और 'पर्यावरण' के फेर में उलझी 'पीसीबी अध्यक्ष' की नियुक्ति

प्रवेश गौतम, भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष का पद पिछले लगभग तीन सालों से खाली पड़ा है। पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और ब्यूरोक्रेसी के विवाद के चलते मामला लगभग दो साल तक टला। बाद में RSS ने अपनी आपत्ति वापस ली तो अब मामले को वन और पर्यावरण के अनुभव ने उलझा दिया। 

पीसीबी में अध्यक्ष के पद के लिए राज्य शासन ने फरवरी 2017 में 6 लोगों का साक्षात्कार लिया था। लेकिन 6 महीने के बाद भी किसी कि नियुक्ति नहीं हो पाई। 

मंत्रालय में पदस्थ एक उच्च अधिकारी ने द करंट स्टोरी से नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चयन समिति ने दो नामों के पैनल को शासन के पास भेजा था। लेकिन समिति द्वारा की गई अनुशंसा पर मंत्री जी कि आपत्ति के बाद, महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र कौरव से कानूनी सलाह मांगी गई है। 

वहीं पीसीबी के सूत्रों ने द करंट स्टोरी को बताया कि ब्यूरोक्रेसी और RSS में तालमेल न होने के कारण अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला लटकता रहा। बाद में RSS समर्थित उम्मीदवार को सरकार ने दूसरे विभाग में नियुक्ति दी, जिसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ पाई। लेकिन अब 'वन' और 'पर्यावरण' के फेर में मामला उलझ गया है। 

गौरतलब है कि वर्तमान में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव के पास पीसीबी के कार्यकारी अध्यक्ष का प्रभार है। वहीं अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने भी राज्य सरकार को कहा है।

 

इन लोगों ने दिया था साक्षात्कार:    
1. एस के निगम
2. एए मिश्रा
3. आर पी शुक्ला
4. जेएस कामयोत्रा
5. एके सिंह
6. डॉ. नवीन चंद्रा

इन दो नामों पर ​हो रहा विचार:
1. एके सिंह 
2. जेएस कामयोत्रा

क्या है 'वन' और 'पर्यावरण' वि​वाद?
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार, चयन समिति ने दो नाम शासन के पास भेजे थे। लेकिन पहले नाम पर आपत्ति आई कि, क्या वन विभाग का अनुभव पर्यावरण के लिए मान्य है? वहीं दूसरे नाम पर एक बड़े कद्दावर भाजपा नेता ने आपत्ति ले ली। इसी के चलते अब फाइल पर कानूनी सलाह का पेंच फंसा दिया गया है। गौरतलब है कि एके सिंह रिटायर्ड आईएफएस (वन सेवा अधिकारी) हैं तो वहीं जेएस कामयोत्रा सीपीसीबी (Central Pollution Control Board) के सदस्य सचिव रह चुके हैं। इन्हीं दोनों में से कोई एक पीसीबी का अध्यक्ष बन सकता है। हालांकि संपूर्ण मामले में मुख्यमंत्री भी नजर रखे हुए हैं। 

Related News

जांच एजेंसी के सामने, कसूरवार से पीड़ित बनने का खेल

Feb 13, 2024

सोचिए, नहीं तो एक दिन हर व्यक्ति भ्रष्ट अधिकारियों से ब्लैकमेल होने लगेगा प्रवेश गौतम (द करंट स्टोरी, भोपाल)। मध्य प्रदेश में सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध कई मामलों में जांच चल रही है। आलम यह है की प्रदेश सरकार इन अधिकारियों पर अभियोजन की अनुमति नहीं दे रही है। सरकार द्वारा अनुमति न देने के कई कारण हो सकते है , जिनमे राजनीतिक के अलावा अन्य कारण भी शामिल हैं। पिछले कुछ सालों में भ्रष्ट...

Comment