द करंट स्टोरी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने डिजिटल मीडिया के लिए बने नए-नियम कायदों के सिलसिले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के साथ बातचीत की। बातचीत में कई बड़े मीडिया हाउस के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नए नियम डिजिटल समाचारों के प्रकाशकों पर कुछ दायित्व डालते हैं। इनमें भारतीय प्रेस परिषद की ओर से निर्धारित पत्रकारिता के आचरण के नियम और केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम के तहत कार्यक्रम संहिता जैसी आचार संहिताओं का पालन करना शामिल है। इसके अलावा नागरिकों की शिकायतों के समाधान के लिए, नियमों में तीन स्तरीय शिकायत समाधान तंत्र उपलब्ध कराया गया है, जिसमें पहले और दूसरे स्तर पर डिजिटल समाचार प्रकाशक व उनके द्वारा गठित स्व नियामकीय संस्थाएं होंगी।
जावडेकर ने कहा कि डिजिटल समाचार प्रकाशकों को एक सरल प्रपत्र में मंत्रालय को कुछ मूलभूत जानकारियां भी देनी होंगी, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है और समय-समय पर उन्हें अपने द्वारा कराए गए शिकायत समाधान को सार्वजनिक करने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया और टीवी चैनलों के डिजिटल संस्करण हैं, जिनका कंटेंट काफी हद तक उनके पारम्परिक प्लेटफॉर्म जैसा ही होता है। हालांकि, ऐसा कंटेंट भी होता है जो विशेष रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए होता है। इसके अलावा ऐसी भी कई इकाइयां हैं, जो सिर्फ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हैं। इस क्रम में, नियम डिजिटल मीडिया पर प्रकाशित समाचारों पर लागू होने चाहिए, जिससे उन्हें पारंपरिक मीडिया के स्तर का बनाया जा सके।
नए नियमों का स्वागत करते हुए डिजिटल मीडिया प्रतिनिधियों ने कहा कि टीवी और समाचार प्रिंट मीडिया लंबे समय से केबल टीवी नेटवर्क अधिनियम और प्रेस परिषद अधिनियम के नियमों का पालन करते रहे हैं। इसके अलावा डिजिटल संस्करणों के प्रकाशन के लिए प्रकाशक पारंपरिक प्लेटफॉर्म्स के मौजूदा नियमों का पालन करते हैं। उन्हें लगता है कि उनके साथ उन समाचार प्रकाशकों से अलग व्यवहार किया जाना चाहिए, जो सिर्फ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हैं। जावडेकर ने बातचीत में शामिल डिजिटल मीडिया प्रतिनिधियों के सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
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