द करंट स्टोरी। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाइब्रिड फिजिकल हियरिंग को सक्षम करने के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को रद्द करने की मांग की है। रिट याचिका में, बार एसोसिएशन ने कहा कि वह बार न्याय वितरण प्रणाली के वितरण में एक समान हितधारक है और बार द्वारा दिए गए सुझावों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह के पत्र का हवाला देते हुए, दलील में कहा गया कि उन्होंने 2 मार्च को शारीरिक सुनवाई फिर से शुरू करने के लिए सुझाव दिए थे, जिसे शीर्ष अदालत ने नहीं माना है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च से हाइब्रिड फिजिकल कोर्ट की सुनवाई फिर से शुरू करने का निर्देश देते हुए 5 मार्च को अपना स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया था। अब अदालत ने कोविड-19 महामारी और बार एसोसिएशनों द्वारा दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए अपने कामकाज के बारे में कई दिशा-निर्देश जारी किए।
अदालत ने प्रायोगिक आधार पर हाइब्रिड मोड में मामलों की सुनवाई के लिए एक पायलट योजना तैयार की। योजना के अनुसार, मंगलवार और बुधवार को सूचीबद्ध अंतिम सुनवाई और एक मामले में पार्टियों की संख्या और कोर्ट रूम की सीमित क्षमता पर विचार करने के बाद नियमित मामलों को हाइब्रिड मोड में सुना जाएगा। हालांकि सोमवार और शुक्रवार को सूचीबद्ध किए गए अन्य सभी मामलों को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से सुना जाना जारी रहेगा।
पिछले एक साल से यह माननीय न्यायालय वर्चुअल सुनवाई के माध्यम से काम कर रहा है और मानक संचालन प्रक्रिया में मौखिक उल्लेख करने का कोई प्रावधान नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप वकील अभी भी मौखिक उल्लेख नहीं कर पाएंगे।
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