द करंट स्टोरी। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को कर्मचारी राज्य बीमा निगम(ईएसआईसी) की हेल्थ स्कीम और आयुष्मान भारत योजना के कन्वर्जेंस को लांच करते हुए कहा कि अब 113 जिलों के 1.35 करोड़ लाभार्थी कैशलेस इलाज करा सकेंगे। इस योजना से जहां पर ईएसआईसी स्कीम की सुविधा नहीं है, वहां भी लाभार्थियों का इलाज हो सकेगा। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने दोनों स्कीमों के विलय को हेल्थ सर्विस के लिहाज से एक बड़ा कदम बताया है। इस पहल से आयुष्मान योजना के लाभार्थी जहां ईएसआईसी अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे, वहीं ईएसआईसी के लाभार्थी आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पतालों में इलाज का लाभ उठा सकते हैं। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने यहां श्रम शक्ति भवन में आयुष्मान भारत योजना के साथ ईएसआईसी स्कीम के कन्वर्जेंस को लांच करते हुए कहा कि शुरूआत में यह योजना 113 चिह्न्ति जिलों में धरातल पर उतारी जाएगी। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में ईएसआईसी के तहत इलाज की सुविधाएं नही हैं। ऐसे में अब यहां कन्वर्जेंस के तहत ईएसआईसी के लाभार्थी आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इन 113 जिलों के कुल 1.35 करोड़ कर्मचारी और उन पर निर्भर लोगों को अब आयुष्मान भारत योजना के तहत कैशलेस इलाज मिल सकेगा। मेडिकल सुविधा का लाभ उठाने के लिए ईएसआईसी ई पहचान पत्र, हेल्थ पासबुक या आधार कार्ड की जरूरत पड़ेगी।
उन्होंने बताया कि इसी तरह आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी बिहार, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के ईएसआईसी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में अपना कैशलेस इलाज करा सकेंगे। इस मौके पर सेक्रेटरी अपूर्व चंद्रा, अपर सचिव अनुराधा प्रसाद, ईएसआईसी के महानिदेशक डॉ. प्रवीन आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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