द करंट स्टोरी। इंदौर को देश के सबसे साफ सुथरे शहर के तौर पर पहचाना जाता है, मगर अब इस शहर को एक और पहचान मिल रही है और वह माफिया मुक्त शहर। यहां माफियाओं के खिलाफ अभियानों का दौर जारी है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भी इस शहर को प्रदेश का आदर्श बताते हुए अन्य नौकरशाहों से सीख लेने को कहा है। इंदौर को चार बार देश के सबसे साफ-सुथरे शहर का तमगा मिल चुका है, पांचवीं बार फिर यह गौरव हासिल करने के प्रयास जारी है। वहीं शहर को माफिया मुक्त करने की मुहिम भी जारी है। यहां अब तक तीन हजार करोड़ से ज्यादा की जमीन भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई जा चुकी है।
जिलाधिकारी मनीष श्रीवास्तव के मुताबिक, "जिन भूमाफियाओं ने हकदारों के साथ गड़बड़ी की थी उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है तो वहीं हकदारों को उनका हक दिलाया जा रहा है। इसी तरह इंदौर में राशन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।"
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इंदौर में माफियाओं के खिलाफ जारी अभियान को आदर्श बताया है। चौहान का कहना है कि, "माफिया के विरूद्ध अभियान के अंतर्गत कुछ मामलों में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। सुशासन देना ही मूल उद्देश्य है। अच्छे कार्य की प्रतिस्पर्धा हो। इससे परफार्मेंस बेहतर होगा। वास्तव में इंदौर प्रशासन ने माफिया के विरुद्ध प्रभावी और बेहतरीन कार्य किया है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इंदौर में उन लोगों की खुशी देखी जिन्हें लम्बे इंतजार के बाद अपने प्लाट मिल गए। भू-माफिया भागता फिर रहा है। जिन्हें न्याय मिला उनकी आंखों में चमक दिखाई देती है। इस उपलब्धि और लोगों को प्राप्त हुई राहत के लिए इंदौर प्रशासन को बधाई दी।
इंदौर में भू माफिया, राशन माफिया और ड्रग्स माफिया के खिलाफ जारी मुहिम से नई पहचान मिलने लगी हैं। यह अभियान सफल रहे तो इस शहर को स्वच्छ के साथ माफिया मुक्त शहर के तौर पर भी पहचाना जाने लगेगा।
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