द करंट स्टोरी। चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वीडियो बैठक आयोजित की।
वीडियो बैठक में वांग यी ने कहा कि शांति, स्थिरता, खुलापन, विविधता, उभय-जीत और सहयोग की 'पोस्ट-महामारी' दुनिया का निर्माण करने से सभी देशों के हितों और युग के विकास की आवश्यकताओं के अनुकूल है।
वांग यी ने चीन-रूस-भारत सहयोग को मजबूत करने के लिए अपने तीन सूत्रीय सुझाव पेश किया यानी पहला, बहुपक्षवाद का पालन करना और वैश्विक शासन में सुधार लाना चाहिये। संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों की रक्षा करना और संयुक्त राष्ट्र के ढांचे में समन्वय को मजबूत करना चाहिये। इसी के साथ साथ शांगहाई सहयोग संगठन के सभी क्षेत्रों में सहयोग के स्तर को बढ़ाना और ब्रिक्स देशों के बीच एकता और सहयोग बनाए रखना चाहिये। दूसरा, महामारी विरोधी सहयोग को मजबूत करना, अनुभवों का आदान-प्रदान करना, सूचनाओं को साझा करना और दवा एवं टीके के अनुसंधान में सहयोग करना चाहिये।
तीसरा, तीन देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, परिवहन, शिक्षा, संस्कृति और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में मंत्री स्तरीय संवाद तंत्र स्थापित करना चाहिये, एक विशेषज्ञ समूह स्थापित करना चाहिये, रूस में प्रथम चीन-रूस-भारत रक्षा मंत्री बैठक के आयोजन का समर्थन करेगा ताकि तीनों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग के स्तर में सुधार लाया जाए। वांग यी ने जोर देकर कहा कि चीन, रूस और भारत को समग्र सहयोग की स्थिति को समझकर द्विपक्षीय संबंधों में संवेदनशील कारकों को ठीक से संभालना चाहिये।
रूसी विदेश मंत्री लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने भी कहा कि तीन देश बहुपक्षवाद और बहुध्रुवीयकरण का समर्थन करते हैं। लावरोव ने यह भी कहा कि किसी देश ने अपने हितों के लिए संयुक्त राष्ट्र से केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय आदेश को नष्ट किया, भू-राजनीतिक संघर्ष जन्म दिया और अन्य देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया। चुनौतियों का सामना करने के लिए हम तीन देशों को एकता बनाये रखना चाहिये।
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