• Wednesday, April 24, 2024
Breaking News

महामारी के दौरान बुजुर्गो को प्राथमिकता दें निजी अस्पताल : सुप्रीम कोर्ट

राष्ट्रीय Mar 05, 2021       710
महामारी के दौरान बुजुर्गो को प्राथमिकता दें निजी अस्पताल : सुप्रीम कोर्ट

द करंट स्टोरी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी चिकित्सा संस्थानों के साथ ही निजी अस्पतालों में भी बुजुर्गों को भर्ती करने और उपचार करने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पिछले साल अगस्त में शीर्ष अदालत ने केवल सरकारी अस्पतालों को बुजुर्गों को भर्ती करने और उपचार में प्राथमिकता देने का निर्देश दिया था। अब गुरुवार को न्यायाधीश अशोक भूषण और आर.एस. रेड्डी की एक पीठ ने इस आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि बुजुर्ग लोग कोरोनावायरस को लेकर सबसे अधिक असुरक्षित हैं।

पीठ ने याचिकाकर्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार की इस दलील पर गौर किया कि ओडिशा और पंजाब के अलावा किसी भी अन्य राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के पहले जारी निदेशरें के अनुपालन के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी नहीं दी है।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन के लिए राज्यों को नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने की जरूरत है।

बता दें कि अश्विनी कुमार ने याचिका दायर कर न्यायालय से अनुरोध किया था कि महामारी काल में बुजुर्ग लोगों को अधिक देखभाल एवं सुरक्षा की जरूरत है, इसलिए इस संबंध में निर्देश जारी किए जाने चाहिए।

कुमार ने कहा कि राज्य सरकारों को न्यायालय के निर्देशों के आधार पर नए एसओपी जारी करने चाहिए और साथ ही कहा कि अदालत मामले में स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण विभाग को निर्देश देने पर विचार कर सकती है।

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों से तीन सप्ताह के भीतर कुमार के सुझाव का जवाब देने को कहा है।

पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए कहा था। अदालत ने यह निर्देश उस याचिका पर जारी किए थे, जिसमें वरिष्ठ नागरिक, जो अकेले रह रहे हैं, उन्हें कोविड-19 महामारी के बीच मास्क और सैनेटाइजर प्रदान करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।

कुमार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि 4 अगस्त के निर्देश के आधार पर राज्यों द्वारा दायर हलफनामों में इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए की गई कार्रवाइयों को लेकर कमी है। कुमार ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि उड़ीसा और पंजाब को छोड़कर, रिकॉर्ड में शामिल शपथपत्र में जानकारी का अभाव है।

4 अगस्त को शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि सभी पेंशनरों को नियमित रूप से पेंशन का भुगतान किया जाना चाहिए और राज्यों को चल रही महामारी के बीच उन्हें आवश्यक दवाएं, मास्क, सैनिटाइजर और अन्य आवश्यक चीजें प्रदान करनी चाहिए। कुमार ने दलील दी कि महामारी के बीच बुजुर्गों को अधिक देखभाल और सुरक्षा की जरूरत है।

Related News

नियमों को ताक पर रख सालों से एक ही जगह डटे रेलवे कर्मचारी

Jul 20, 2022

बड़े साहब की द​रियादिली या निहित स्वार्थ! प्रवेश गौतम, भोपाल। भारतीय रेलवे  (Indian Railway) में नियमों का तो अंबार है, लेकिन इनको मानने वालों की भारी कमी है। कहने को तो भ्रष्टाचार (Corruption in Railways) पर जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance Policy) की नीति की बात करते हैं लेकिन कुछ अधिकारियों (Corrupt Railway Officers) के लिए मानो भ्रष्टाचार तरक्की (Promotion in Railway) की सीढ़ी है। यकीन न हो तो भोपाल रेल मंडल (Bhopal Rail Division) की...

Comment