द करंट स्टोरी, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2014 को शुरु की गई 'मेक इन इंडिया' कैंपेन को भोपाल रेल मंडल ने भी प्रमुखता से लिया है। इसी का नतीजा है कि मंडल के मेकेनिकल शाखा के वरिष्ठ अधिकारी ने 'मेक इन इंडिया' का एक मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल को मंडल के डीआरएम कार्यालय के प्रवेश द्वार में लगाए जाने की योजना है।
सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार, मंडल के वरिष्ठ मेकेनिकल यांत्रिक इंजीनियर अजय ताम्रकार के नेतृत्व में तैयार किए गए 'मेक इन इंडिया' मॉडल में लगभग 800 किलो लोहे का उपयोग किया गया है। पूरा लोहा, कबाड़ का था, जिसे कौड़ियों के दाम बेचा जाता, लेकिन अधिकारियों के निर्देश में इसी कबाड़ को गलाकर लगभग 7 फीट उंचा और 10 फिट लंबा 'मेक इन इंडिया' का मॉडल बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस मॉडल को प्रवेश द्वार में लगाने के लिए डीआरएम की मंजूरी का इंतजार है।
ऐसा है भोपाल रेल मंडल में बना 'मेक इन इंडिया' का मॉडल
क्या है मेक इन इंडिया
मेक इन इंडिया का मूल उद्देश्य देश में सकल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से पूंजी और प्रौद्योगिकी निवेश बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। इसका उद्देश्य 2022 तक देश में विनिर्माण ही हिस्सेदारी को 16 प्रतिशत से बढ़कार 25 प्रतिशत करना है, जिससे देश में अतिरिक्त रोजगार का सृजन हो। इसके अंतर्गत 25 औद्योगिक क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा देना है। इनमें प्रमुख रूप से आॅटोमोबाइल, एविएशन, केमिकल, मैन्युफैक्चिरिंग, इलेक्ट्रिकल मशीन, सूचना प्रौद्योगिकी, खनिज, तेल, गैस आदि क्षेत्र प्रमुख हैं।
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