मंडी बामोरा में ट्रेन के ड्रायवर ने लगाया इमरजेंसी ब्रेक, उत्कल एक्सप्रेस जैसा हो सकता था हादसा
द करंट स्टोरी, भोपाल। पिछले साल 19 अगस्त को उत्तर प्रदेश के खतौली में कटी पटरी पर गुजरते हुए उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 23 यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और कई अन्य गंभीर रुप से घायल हो गए थे। इसके बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमेन एके मित्तल को अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था। बावजूद इसके भोपाल रेल मंडल में लापरवाही का दौर लगातार जारी है, और यात्रियों की जान को लगातार खतरे में डालकर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।
बुधवार को भोपाल रेल मंडल में एक ट्रेन के ड्रायवर को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोकना पड़ा। दरअसल, मंडल के इंजीनियरिंग शाखा द्वारा बिना परमिशन (ब्लॉक) के ही ट्रेक पर मेंटनेंस का काम किया जा रहा था। समय पर ट्रेन के ड्रायवर ने ब्रेक लगा दिया वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
रेलवे से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों ने द करंट स्टोरी को बताया कि केआरसीए नाम की एक मालगाड़ी बीना से भोपाल की ओर 80 किलोमीटर की रफ्तार से आ रही थी। तभी मंडीबामोरा स्टेशन के पास बिना अनुमति ट्रेक पर काम करते हुए कुछ लोगों को ड्रायवर ने देखा और दोपहर लगभग 01.10 बजे इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। ब्रेक की आवाज सुनकर ट्रेक पर काम कर रहे, लगभग 25 मजदूर और इंजीनियर वहां से भाग गए। ड्रायवर ने इसकी सूचना कंट्रोल को दी।
सूचना मिलते ही इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारी मामले को दबाने में लग गए।
आपको बता दें कि उत्कल एक्सप्रेस हादसा भी बिना अनुमति ट्रेक पर काम करने के कारण हुआ। यदि इसी ट्रेक पर शताब्दी एक्सप्रेस जैसी तेज रफ्तार ट्रेन होती तो कई यात्रियों की जान जा सकती थी।
पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक सुनील सिंह सोइन ने द करंट स्टोरी को बताया कि उन्हें इस तरह की घटना की कोई जानकारी मंडल द्वारा नहीं दी गई। उन्होंने आगे बताया कि वह इस मामले में मंडल और जोन के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे और लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाही की जाएगी।
वहीं भोपाल मंडल के प्रबंधक डीआरएम शोभन चौधुरी ने द करंट स्टोरी को बताया कि वह मामले की जानकारी ले रहे हैं। पूरी जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
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