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अपर आयुक्त को उपकृत करने ठेकेदार ने फ्री में दे दी इनोवा गाड़ी

Exclusive Mar 05, 2019       4656
अपर आयुक्त को उपकृत करने ठेकेदार ने फ्री में दे दी इनोवा गाड़ी

प्रवेश गौतम, भोपाल। नगर निगम भोपाल में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी अंदर तक फैली हैं कि अधिकारियों को उपकृत करने के लिए ठेकेदार खुलेआम भेंट दे रहे हैं। द करंट स्टोरी को भोपाल नगर निगम के सूत्रों ने जानकारी दी कि अपर आयुक्त एम पी सिं​ह के पास अटैच इनोवा क्रिस्टा गाड़ी ठेकेदार ने उपकृत करने को दी है।

मंगलवार को द करंट स्टोरी ने माता मंदिर स्थित नगर निगम मुख्यालय के सामने खड़ी इनोवा क्रिस्टा गाड़ी नंबर एमपी04 सीवी 0811 के ड्रायवर से पूछा तो उसने बताया कि उक्त गाड़ी अपर आयुक्त एमपी सिंह के पास अटैच है। नंबर की जांच के लिए मप्र परिवहन विभाग की वेबसाइट में देखा तो पता चला कि उक्त गाड़ी नेमीचंद बघेल के नाम से रजिस्टर्ड है। वेबसाइट में उक्त गाड़ी निजी प्रायोजन के लिए पंजीकृत है, अर्थात् उक्त गाड़ी को टैक्सी के रुप में उपयोग नहीं किया जा सकता।

द करंट स्टोरी ने गाड़ी मालिक नेमीचंद बघेल से बात की तो पता चला कि उन्होंने यह गाड़ी एमपी सिंह को फ्री में दी है। हालांकि उन्होंने फ्री में देने का कारण नहीं बताया।

उपकृत करने के लिए देना पड़ता है
भोपाल नगर निगम में अधिकारियों के उपयोग के लिए प्रतिवर्ष टेंडर करके टैक्सी परमिट गाड़ियों को अनुबंधित किया जाता है। दिसंबर 2018 में न्यू लकी नाम की एजेंसी से ​निगम ने अनु​बंध किया है। एजेंसी के मालिक अफसर ने द करंट स्टोरी को बताया कि जल्दबाजी में गाड़ी देनी थी इसलिए प्रायवेट इनोवा गाड़ी दे दी गई। उन्होंने आगे बताया कि अधिकारियों को थैंक्स गिविंग यानि कि उपकृत करने के तौर पर यह गाड़ी दी गई है और गाड़ी का बिल नहीं लगाएंगे या फिर देखेंगे कि कैसे एडजस्ट करना है।

बिल में होगी हेरफेर
नगर निगम में गाड़ी के बिल पास कराने के लिए टैक्सी कोटे की गाड़ी ही पास होती है। ऐसे में जब भी अपर आयुक्त एमपी सिंह के पास अटैच गाड़ी का बिल नगर निगम में जमा होगा, तो उसमें अन्य गाड़ी का नंबर डाल दिया जाएगा।

एमपी सिंह को ही पास करना है बिल
गौरतलब है कि नगर निगम में परिवहन शाखा का प्रभार एमपी सिंह के पास ​ही है। तकनीकि तौर पर देखा जाए तो बतौर अपर आयुक्त एमपी सिंह ही इस गाड़ी का बिल पास करेंगे। ऐसे में ठेकेदार कंपनी या एजेंसी द्वारा अपर आयुक्त को फ्री में गाड़ी देने से यह प्रमाणित होता है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार किस तरह फैला हुआ है।

इनका कहना है:
गाड़ी प्रायवेट है या टैक्सी इस मामले में मुझे कुछ नहीं कहना है। लॉग बुक मैं प्रमाणित नहीं करता। जहां से गाड़ी आई है वही बताएंगे कि क्या है।
एमपी सिंह, अपर आयुक्त, भोपाल नगर निगम

          

(नोट: एजेंसी और गाड़ी मालिक से हुई बातचीत के प्रमाण द करंट स्टोरी के पास उपलब्ध हैं।)

 

 

 

 

 

 

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