प्रवेश गौतम, भोपाल। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के अधिकारियों द्वारा रेल लाइन निर्माण में किया जा रहा भ्रष्टाचार अब सामने आने लगा है। रेलवे के पैसों का आरवीएनएल द्वारा लगातार न केवल दुरुपयोग किया जा रहा है बल्कि भ्रष्टाचार भी चरम पर है। इस बार रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर (सीआरएस) एके जैन ने भी इस बात को मान लिया है। ताजा मामला इटारसी से हबीबगंज के बीच बनाई जा रही तीसरी रेल लाइन से जुड़ा है।
पश्चिम मध्य रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि 15 अप्रैल को सीआरएस एके जैन ने इटारसी से बुदनी के बीच तीसरी रेल लाइन का निरीक्षण किया। इस दौरान सीआरएस ने आरवीएनएल के अधिकारियों को न केवल फटकार लगाई बल्कि रेल लाइन के निर्माण की जांच के मौखिक निर्देश भी दे दिए।
सूत्रों के अनुसार, सीआरएस ने 753 रेलवे ट्रेक किलोमीटर से 777 किलोमीटर तक तीसरी रेल लाइन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने ट्रेक के निर्माण में भारी अनियमित्ता होने का जिक्र करते हुए कहा कि फॉरमेशन के लिए स्टोन पिटिंग और रिटेनिंग वॉल बनाने की कोई आवश्यकता नहीं थी, बावजूद इसके आरवीएनएल ने इसका निर्माण करके रेलवे और आम आदमी के पैसों की बर्बादी की है। बतौर सूत्र सीआरएस ने कहा कि स्टोन पिटिंग और रिटेनिंग वॉल बनाने का कहीं उल्लेख ही नहीं है ऐसे में करोड़ों रूपए की लागत से इसे बनवा दिया गया।
सीआरएस ने पहले इटारसी से बुदनी तक ट्रौली से निरीक्षण किया एवं बाद में इटारसी से बुदनी के बीच ट्रेन से निरीक्षण किया।
नर्मदा पुल पर भी जताया संदेह
निरीक्षण के दौरान होशंगाबाद में नर्मदा नदी पर बने पुल को लेकर भी सीआरएस ने आरवीएनएल की कार्यप्रणाली को संदेहास्पद मानते हुए इसकी जांच के मौखिक आदेश दिए। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि नर्मदा नदी पर बने नए पुल के पिलर को लेकर सीआरएस ने कहा कि प्राथमिक तौर पर इसमें भी गड़बड़ी लग रही है। इसको लेकर वहां मौजूद पश्चिम मध्य रेलवे के प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर एवं भोपाल डीआरएम को सीआरएस ने मौखिक निर्देश देते हुए कहा कि पुल के पिलर की गहराई और निर्माण तकनीक की चीफ ब्रिज इंजीनियर से जांच करवाई जाए। सीआरएस को शंका है कि पिलरों की गहराई को लेकर आरवीएनएल ने मूल ड्राइंग के अनुसार काम नहीं किया है।
हजारों करोड़ रूपए का है भ्रष्टाचार
रेलवे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आरवीएनएल द्वारा तीसरी रेल लाइन के निर्माण में करोड़ो रूपए का भ्रष्टाचार किया गया है। लेकिन ज्यादातर मौकों पर शिकायत या जानकारी की जांच नहीं होती। यदि ठीक से जांच हो जाए तो आरवीएनएल के कई अधिकारियों की करोड़ो रूपए की संपत्ति का खुलासा हो सकता है। पूरा पैसा ठेकेदारों से मिले कमीशन का है।
इनका कहना है:
निरीक्षण के बाद सीआरएस के पत्र का इंतजार है। पत्र में जो निर्देश होंगे उसका पालन किया जाएगा।
एमबी विजय, प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर, पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर
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