द करंट स्टोरी, भोपाल। ऐसा लगता है कि मानो रेलवे अधिकारियों को चेयरमेन रेलवे बोर्ड (CRB) और डिविजनल रेलवे प्रबंधक (DRM) के आदशों की परवाह ही नहीं है। और न ही शाखा अधिकारी, कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं। ताजा मामला रेलवे कर्मचारियों की समस्या और शिकायतों के निराकरण से जुड़ा है।
गौरतलब है कि CRB अश्विन लोहानी ने पदभार ग्रहण करते ही यात्रियों की सुरक्षा, ट्रेन संचालन में संरक्षा और कर्मचारियों की समस्या को सर्वोपरि रखकर विशेष ध्यान देने की बात कही थी। इसी को लेकर CRB ने सभी जोन के महाप्रबंधकों और DRM को कर्मचारियों की समस्याओं और शिकायतों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए थे।
इस संबंध में भोपाल DRM शोभन चौधरी ने दिनांक 14 सितंबर 2017 को मंडल के सभी शाखा अधिकारियों को लिखित निर्देश दिए थे कि CRB की मंशा अनुसार, सभी शाखा अधिकारी कर्मचारियों की समस्याओं और शिकायतों का निराकरण सात दिन में करना सुनिश्चित करें। इसकी मॉनिटरिंग के लिए मुख्य कार्यालय अधीक्षक या वरिष्ठ पर्यवेक्षक को नामित करें। साथ ही हर शुक्रवार को प्राप्त शिकायतों के निराकरण के संबंध में प्रोग्रेस रिपोर्ट भी DRM को भेजने के निर्देश दिए थे।
लेकिन मंडल में लगभग सभी शाखा अधिकारी इस आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हालांकि एक शाखा अधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए सीओएस को इस कार्य के लिए नामित कर दिया है।
मंडल के जनसंपर्क अधिकारी, आई ए सिद्दीकी ने द करंट स्टोरी को बताया कि DRM के निर्देशों का पालन प्रक्रिया में है, जल्द ही सभी शाखाओं में कर्मचारियों को नामित कर दिया जाएगा।
आदेश की प्रति
नहीं कर रहे दस्तखत!
रेलवे के सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार, कई शाखा अधिकारियों ने अभी तक DRM के आदेश की प्रति पर पावती के लिए दस्तखत भी नहीं किए हैं।
DRM ने दिखाई तत्परता
CRB के आदेशों के परिपालन में भोपाल DRM ने तत्परता दिखाते हुए, इस कार्य की मॉनिटरिंग एवं कॉर्डिनेशन के लिए अपने अधीनस्थ वेलफेयर इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र दुबे को नामित कर दिया है।
कर्मचारियों में रोष
रेलवे कर्मचरियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंडल के शाखा अधिकारियों को कर्मचारियों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। कई शिकायतों और समस्याओं के आवेदन महीनों पड़े रहते हैं, लेकिन शाखा अधिकारी उस पर कोई भी संज्ञान नहीं लेते।
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