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एंटी फॉग डिवाइस हो गया फेल, 30 दिन में 265 ट्रेन हुईं लेट

Exclusive Jan 21, 2020       1648
एंटी फॉग डिवाइस हो गया फेल, 30 दिन में 265 ट्रेन हुईं लेट

कोहरे में ट्रेनों के थम गए पहीए, रेलवे बोर्ड ने जबरिया थोपा 'फॉग सेफ'

प्रवेश गौतम, भोपाल। रेलवे अधिकारियों द्वारा लगातार झूठे तथ्य पेश करके एंटी फॉग डिवाइस — 'फॉग सेफ' को सफल बताने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि उक्त डिवाइस (मशीन) के उपयोग के बावजूद राजधानी व शताब्दी सहित कई ट्रेनें लगातार लेट हो रही हैं। भोपाल रेल मंडल की पंक्चुअलिटी रिपोर्ट में तो 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि 'फाग सेफ' नाम से दी गई मशीन लाभदायक है भी या नहीं।

द करंट स्टोरी ने पूरे मामले की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। 'फॉग सेफ' नाम की डिवाइस को रेलवे बोर्ड ने देश भर के जोन एवं मंडलों को भेजा। बोर्ड ने स्पष्ट रुप से दिशा निर्देश दिए थे कि उक्त डिवाइस सभी लोको पायलटों को उनके किट के साथ दी जाए। बोर्ड ने उक्त डिवाइस को लेकर दावा किया था ​कि इससे घने कोहरे में ट्रेन चलाने में सुविधा मिलेगी एवं ट्रेनें लेट नहीं होंगी। बोर्ड का यह दावा पूरी तरह से तब विफल हो गया जब उक्त डिवाइस के उपयोग के बावजूद कोहरे से प्रभावित क्षेत्रों में ट्रेनों के परिचालन में देरी दर्ज की गई।

65 प्रतिशत रही पंक्चुअलि​टी
भोपाल मंडल से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे अधिकारियों की मंगलवार ​​को हुई बैठक में 21 दिसंबर 2019 से 20 जनवरी 2020 तक के आंकड़े सामने रखे गए। इसमें जानकारी दी गई कि इस दौरान 265 ट्रेन मौसम यानि कोहरे के कारण लेट हुईं। तो वहीं 180 ट्रेनें इंजीनियरिंग के कॉशन के कारण लेट हुईं। वहीं इस दौरान मंडल की पंक्चुअलिटी में भी 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। मंडल में 65 प्रतिशत ट्रेनें की समय से चल सकीं। आमतौर पर मंडल में 90 प्रतिशत ट्रेनों का संचालन समय पर होता है। उक्त आंकड़े चौंकाने वाले हैं।

...इसलिए थम रही रफ्तार
उत्तर भारत और दिल्ली की ओर से इस तरफ आने वाली ट्रेनें ठंड के मौसम में पड़ने वाले कोहरे के कारण घंटों लेट होती हैं। इन दिनों 15 घंटे तक की देरी से यहां आ रही हैं। ट्रेनों की लेटलतीफी कम करने के लिए रेलवे बोर्ड ने कोहरे से प्रभावित होने वाले जोन व रेल मंडलों को फॉग सेफ डिवाइस बांटी हैं। उक्त डिवाइस के बारे में बोर्ड का दावा था कि आगे आने वाले सिग्नलों की जानकारी लोको पायलट को मिल जाएगी। लेकिन यह काफी बेअसर हो रही हैं। इसी का नतीजा है कि हर लोको पायलट के पास डिवाइस होने के बाद भी वे ट्रेनों को रफ्तार से नहीं चला पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण लोको पायलटों को सिग्नल की पोजिशन तो दिख रही है, लेकिन पूरे सिग्नलों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसका मुख्य कारण पूरे सिग्नलों की जानकारी डिवाइस पर फीड न होना है। साथ ही सिग्नल के रंग की जानकारी भी फॉग डिवाइस में नहीं मिलती, जिससे वे ट्रेनों को रफ्तार से नहीं चला पाते और वे लगातार लेट होती चली जाती हैं।

लोको पायलटों ने कहा...
लोको पायलट ने 29 दिसंबर को इटारसी से भोपाल के बीच फॉग डिवाइस में सही जानकारी नहीं मिलने की जानकारी दी थी। इसी प्रकार 27 दिसंबर को एक अन्य लोको पायलट ने जानकारी दी भोपाल से इटारसी के बीच फॉग सेफ डिवाइस डाउन लाइन के सिग्नल की जानकारी दे रहा था, जबकि ट्रेन अप लाइन में जा रही थी।


भोपाल मंडल में लेट हुई ट्रेनों की स्थिति
(21 दिसंबर से 20 जनवरी तक)

ट्रेन संख्या कारण
265 कोहरा
180 इंजीनियरिंग कॉशन आॅर्डर
105 चेन पुलिंग
18 सी एंड डब्ल्यू
15 लोको की समस्या
14 सिग्नल फेल

 

 

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