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30 में से 22 उम्मीदवार एक ही जाति के, WCR में APO की नियुक्ति में बड़ा गोलमाल!

Exclusive Sep 22, 2017       7662
30 में से 22 उम्मीदवार एक ही जाति के, WCR में APO की नियुक्ति में बड़ा गोलमाल!

द करंट स्टोरी, भोपाल। शायद आपको याद होगा कि उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब कई नियुक्तियों में एक विशेष जाति का बोलबाला था, हर नियुक्ति में इसी जाति विशेष के उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा रहती थी। ऐसा ही कुछ पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) में भी घटित हो रहा है, जिसमें सहायक कार्मिक अधिकारी (APO) की लिखित परीक्षा के परिणाम के बाद सफल हुए 30 उम्मीदवारों में से 22 एक ही जाति विशेष के हैं, जो कि कई सवालों को जन्म दे रहा है। 

यहां चौकाने वाली बात यह भी है कि चयन प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार मुख्य कार्मिक अधिकारी का भी सरनेम वही है जो कि 22 उम्मीदवारों का है। साथ ही इन उम्मीदवारों के नाम जोड़ने के लिए नियमों को नियम विरुद्ध तरीके से शिथिल करने की बात भी सामने आ रही है।

 द करंट स्टोरी को प्राप्त जानकारी अनुसार, WCR में APO के 6 पदों में भर्ती होना थी, जिनमें 5 सामान्य एवं एक पद आरक्षित श्रेणी का था। इसके लिए दिनांक 21 मई 2017 को लिखित परीक्षा ली गई, जिसके परिणाम 11 सितंबर को घोषित किए गए। आरक्षित पद के लिए कुल 30 उम्मीदवार चयनित किए गए, जिनमें मुख्य कार्मिक अधिकारी के सरनेम वाले 22 उम्मीदवार शामिल हैं। 

उक्त मामले की शिकायत रेलवे बोर्ड चेयरमेन सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों से की गई, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया है। 

'मीणा' का ही होगा चयन!
शिकायत में उल्लेख किया गया है कि चूंकि मुख्य कार्मिक अधिकारी का सरनेम 'मीणा' है, इसलिए आरक्षित श्रेणी के एक मात्र पद में 'मीणा' सरनेम वाले उम्मीदवार का ही चयन होगा। 

नहीं है परमानेंट मुख्य कार्मिक अधिकारी 
शिकायत में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में मुख्य कार्मिक अधिकारी के पद पर कोई भी पूर्ण कालिक नियुक्ति नहीं गई है, इसलिए वर्तमान नामित अधिकारी की इस पद पर पदस्थापना की गई है। सूत्रों ने बताया कि उक्त अधिकारी को पिछले लगभग 6 महीनों से एक्सटेंशन पर लगातार नामित किया जा रहा है। जो अपने आप में संदेह को जन्म देता है।

'बेस्ट फेलियर रूल' का भी उल्लंघन!
 सूत्रों ने बताया कि मुख्य कार्मिक अधिकारी द्वारा, नियमों को शिथिल करके ही एक पद के लिए 30 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इसके लिए जिस नोटिफिकेशन का सहारा लिया गया उसमें उल्लेखित 'बेस्ट फेलियर रूल' का भी उल्लंघन किया गया है। गौरतलब है कि सामान्य श्रेणी के 5 पद के लिए के लिए केवल 14 उम्मीदवारों की सूची जारी हुई। 

किसने किया नियमों को शिथिल?
रेलवे से जुड़े सूत्रों के अनुसार, केवल महाप्रबंधक के पास ही नियमों को शिथिल करने के अधिकार हैं। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। सूत्रों ने दावा किया कि यदि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो कई और बड़े गोलमाल सामने आ सकते हैं। सूत्रों के दावे की द करंट स्टोरी पुष्टि नहीं करता।  

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