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रेलवे के मोबालिटी डायरेक्टरेट में साहब का कमाल, 11 के विकट चटकाए और ले लिया प्रमोशन

चच्चा की बातें Apr 07, 2017       6647
रेलवे के मोबालिटी डायरेक्टरेट में साहब का कमाल, 11 के विकट चटकाए और ले लिया प्रमोशन

 ।। लो कर लो बात ।।

बहुत दिनों बाद भोपाल स्टेशन गया तो देखा कि चच्चा शताब्दी एक्सप्रेस से उतर रहे थे। मै उनके हुलिए को देखकर कुछ चौंक—सा गया। पूछने पर चच्चा ने बताया कि मियां फर्जी भतीजे कपड़ों को देखकर चौंकों मत, रेलवे बोर्ड में अंपायर को मैनेज कर विकट कैसे चटकाए जाते हैं, वही देखकर आ रहा हूंं। इसलिए ऐसा दिख रहा हूं।

आपको बता दें कि चच्चा किरकेट खिलाड़ी की पोशाक में थे।

चच्चा ने गर्मी को देखते हुए कहा कि आओ थोड़ा ड्रिंक ब्रेक ले लें। मुझे चच्चा की बातें सुनकर आश्चर्य हो रहा था। पर फिर भी मैं उनके पीछे चल दिया।

स्टेशन में ही स्थित रिफ्रेशमेंट सेंटर में चच्चा ने दो ठंडा आॅर्डर किया और फिर बताने लगे, रेलव बोर्ड में चल रहा किरकेट मैच और अंपायर मैनेजमेंट।

मुझे कुछ समझ नहीं आया तो मैने चच्चा से पूछ ही लिया कि यह चक्कर क्या है।

इस पर चच्चा ने जो बताया वह सुनकर तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ।

बकौल चच्चा, रेलवे बोर्ड दिल्ली में एक अधिकारी की तो पौ बारह है। इस अधिकारी ने अंपायर को मैनेज करके 11 विकट चटका दिए और 12वें नंबर से अपने नंबर को एक पर ले आया।

चच्चा कौन है यह अधिकारी और यह अंपायर कौन है और 11 विकट चटकाए, यह क्या मामला है?

चच्चा ने मुझे जो बताया वह सुनकर तो वाकई लगता है कि रेलवे बोर्ड के इन अधिकारी से कुछ तो सीखना चाहिए।

चच्चा ने आगे बताया कि मियां फर्जी भतीजे, रेलवे बोर्ड में एक मोबिलिटी डायरेक्टोरेट है। इस विभाग के अहम पद में बैठे एक अधिकारी ने उपर आने के लिए पूरी प्लानिंग की। दरअसल इन जनाब के उपर 11 अधिकारियों के नाम थे, लेकिन एसीआर का बहाना व ट्रिक खेलकर यह जनाब उन 11 अधिकारियों को बायपास करके उपर आ गए। हालांकि इसमें अंपायर मैनेज हो गया था।

चच्चा ने आगे बताया कि रेलवे बोर्ड में इन जनाब कि ऐसी पकड़ है कि पिछले लगभग 15 सालों से इनकी पोस्टिंग दिल्ली से बाहर ही नहीं हुई हैं। वहींं सीआरबी :चीफ रेफरी आॅफ किरकेट बोर्ड: ने इन साहब की लगभग समस्त कारस्तानियों पर पर्दा डाल दिया है।

खैर जो भी हो पर खेल शानदार है और सब जानकर मजा भी आया।

चच्चा इतना बताकर दुकान से चल दिए। पर जाते जाते कह गए कि इन जनाब का आईआरएसईई कैडर के 1981 बैच के अधिकारी, सु....... कु...... से कोई लेना देना नहीं है।


मामला चाहे जो भी हो, रेलवे बोर्ड तो है ही निराला, यहां सब कुछ हो सकता है। कहीं आईपीएल टीम वालों को यह पता न चल जाए कि चीफ रेफरी और अंपायर भी मैनेज हो सकते हैं।

 

(नोट: 'चच्चा' और 'फर्जी' भतीजा एक काल्पनिक किरदार है। उनकी बातें केवल गॉसिप हैं और इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है।)

 

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